उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में आज अयोध्या में मंत्रिमंडल की बैठक होगी. 'राम नगरी' में कैबिनेट की यह पहली बैठक होगी. मुख्यमंत्री ने शनिवार को अयोध्या में होने वाले दीपोत्सव समारोह से पहले यह बैठक करने का फैसला किया था. अयोध्या के जिलाधिकारी नीतीश कुमार ने बुधवार को बताया कि प्रदेश के सभी कैबिनेट मंत्रियों को बृहस्पतिवार पूर्वाह्न साढ़े 11 बजे कैबिनेट की बैठक के लिए अयोध्या में उपस्थित रहने के लिए कहा गया है. यह बैठक अंतरराष्ट्रीय रामकथा संग्रहालय में होगी.
उन्होंने कहा कि जो मंत्री दूसरे राज्यों में चुनाव की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं वे भी बैठक में अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करेंगे. यह भी उम्मीद है कि स्थान और अवसर के महत्व को देखते हुए बैठक के दौरान कुछ प्रमुख घोषणाएं की जाएंगी. जिला प्रशासन द्वारा बुधवार को जारी एक बयान के मुताबिक मुख्यमंत्री पूर्वाह्न लगभग 11 बजे रामकथा पार्क आयेंगे और पूरे मंत्रिमंडल के सहयोगियों के साथ हनुमानगढ़ी में दर्शन-पूजन करेंगे. अगले चरण में वह श्री राम जन्मभूमि परिसर का पूजन एवं श्री राम लला विराजमान मंदिर में पूजा करेंगे. इसके बाद लगभग 12 बजे अंतरराष्ट्रीय रामकथा संग्रहालय में मंत्रिमंडल की बैठक होगी.
इसके लिये एक घंटे का समय तय किया गया है, इस बैठक के लिये व्यापक सुरक्षा बंदोबस्त किये गये हैं. बयान के मुताबिक अयोध्या में राज्य मंत्रिमंडल की यह पहली बैठक होगी. इससे पहले वर्ष 2019 में प्रयागराज में भी मंत्रिमंडल की बैठक की गयी थी. उसी श्रृंखला में अयोध्या में रामलला की जन्मस्थली पर कैबिनेट की बैठक आयोजित की जा रही है. अयोध्या में प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक आयोजित करने के लिए नौ नवंबर की तिथि का चयन इस तथ्य को देखते हुए महत्वपूर्ण है कि उच्चतम न्यायालय ने वर्ष 2019 में इसी तारीख को अयोध्या में भगवान राम के भव्य मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त करने वाला फैसला सुनाया था.
इसके अलावा नौ नवंबर 1989 को विश्व हिंदू परिषद ने अयोध्या में राम मंदिर की पहली आधारशिला रखी थी. आमतौर पर उत्तर प्रदेश में कैबिनेट की साप्ताहिक बैठक राजधानी लखनऊ में मंगलवार को होती है, लेकिन इस बार बृहस्पतिवार को अयोध्या में बैठक का आयोजन किया जा रहा है. मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने 'पीटीआई-भाषा' को बताया कि अयोध्या में तीन मंजिला राम मंदिर के भूतल का निर्माण दिसंबर के अंत तक पूरा हो जाएगा और प्राण-प्रतिष्ठा समारोह 22 जनवरी को होने की उम्मीद है. इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भी शामिल होने की उम्मीद है.
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